मृदु शक्ति (सॉफ्ट पॉवर) एक अहम अंतरराष्ट्रीय संबंध और विदेश नीति की धारणा है। मृदु शक्ति (सॉफ्ट पॉवर) एक अहम अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक शब्द है, जिसका उपयोग देशों की विदेश नीति में किया जाता है। यह शब्द अमेरिकी विद्वान जोसेफ निये (Joseph Nye) द्वारा विकसित किया गया था।इसका मतलब है कि एक देश अपने संस्कृति, भाषा, धर्म, कला, विज्ञान, और अन्य सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से अपनी छवि को विश्व में प्रभावशाली बनाता है। यह उसकी विदेश नीति को मजबूत करने में मदद करता है।
मृदु शक्ति का मतलब होता है किसी देश की सांस्कृतिक, व्यापारिक, शैक्षिक, और वैज्ञानिक योग्यता, जो उसे अपने आप को विश्व में प्रभावशाली बनाने में मदद करती है। यह शक्ति बिना किसी युद्ध या धन के बल पर दूसरे देशों के साथ सहयोग और समझौते की ओर बढ़ने में मदद करती है।
भारत एक महत्वपूर्ण मृदु शक्ति के रूप में प्रसिद्ध है। भारत की धार्मिकता, योग, दर्शन, भाषा, और साहित्य ने विश्व में अपनी पहचान बनाई है। भारतीय सिनेमा, भारतीय खानपान, और भारतीय संगीत भी उनकी सॉफ्ट पॉवर को बढ़ाते हैं।
भारत को अपनी सॉफ्ट पॉवर को और भी मजबूत करने के लिए अपने सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।³
भारत एक मृदु शक्ति के रूप में अपने सॉफ्ट पॉवर को सफलतापूर्वक उपयोग कर रहा है। भारत की आध्यात्मिकता, योग, दर्शन, धर्म, अहिंसा, लोकतांत्रिक विचार, संगीत, नृत्य, चित्रकला, चिकित्सा, और भारतीय सिनेमा जैसी विरासत ने अनेक देशों को प्रभावित किया है। भारत के सॉफ्ट पॉवर के उदाहरण हैं:
- आध्यात्मिकता: भारत की आध्यात्मिक धाराएँ विश्वभर में लोकप्रिय हैं।
- योग: भारत द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने भारत की सॉफ्ट पॉवर छवि को मजबूत किया।
- भारतीय सिनेमा: भारतीय सिनेमा ने लंबे समय तक एशिया, अफ्रीका, और अन्य क्षेत्रों में भारी संख्या में दर्शकों को आकर्षित किया है।
- विश्व समुदाय में सम्मानजनक स्थान: भारत ने अपने सॉफ्ट पॉवर के माध्यम से विश्व समुदाय में सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है।
- भारत को अपनी सॉफ्ट पॉवर की छवि को और मजबूत करने के
- अहिंसा और लोकतांत्रिक विचार: भारत की अहिंसा और लोकतांत्रिक विचार दुनियाभर में प्रस्तुत किए गए हैं।
- सांस्कृतिक विरासत: भारत के पास संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला, साहित्य, चिकित्सा आदि की व्यापक सांस्कृतिक विरासत है।
- स्वतंत्रता के पश्चात् से ही, सॉफ्ट पावर भारत की विदेश नीति में अंतर्भूत रहा है। भारत में सॉफ्ट पावर की विशिष्ट विविधता और समृद्धता विद्यमान है।
- भारत के अध्यात्मवाद, योग, फिल्म और धारावाहिक, शास्त्रीय एवं लोकप्रिय नृत्य और संगीत, व्यंजन के साथ-साथ इसके सिद्धांत जैसे कि विश्व बंधुत्व, अहिंसा, लोकतांत्रिक संस्थाएं, बहुलवादी समाज आदि ने विश्व भर के लोगों को आकर्षित किया है।
- हाल ही में, भारत के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का संकल्प पारित किया है। इसे 170 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ था।
- इसकी सुदृढ़ नैतिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक परंपराओं ने भारत की अन्य देशों के साथ संलग्नता में सहायता की है। उदाहरण के लिए- दलाई लामा का भारत में शरण लेना और बांग्लादेश व अन्य देशों द्वारा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने, संविधान के निर्माण व कल्याणकारी योजनाओं के विकास हेतु भारत से सहायता प्राप्त करना।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित किए जाने को भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जाता है जो भारत की बढ़ती हुई सॉफ्ट पावर क्षमता का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण सिद्ध हो सकता है।
- अपने गुणों और सफलताओं के बावजूद, सॉफ्ट पॉवर अकेले ही विदेश नीति के इच्छित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु पर्याप्त नहीं है। एक सैन्यीकृत विश्व में, सॉफ्ट पॉवर पर बल देने को कई लोगों द्वारा दुर्बलता के रूप में माना गया है।
- बस कूटनीति या सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से सॉफ्ट पावर की नीति पाकिस्तान के व्यवहार को परिवर्तित करने में प्रभावी सिद्ध नहीं हुई है। पड़ोसी राज्यों द्वारा राज्य की नीति के साधन के रूप में आतंकवाद के प्रयोग से केवल सॉफ्ट पॉवर के माध्यम से नहीं निपटा जा सकता है।
- इसी प्रकार, 1962 के भारत-चीन युद्ध के पश्चात् भारत की बढती आर्थिक और सैन्य क्षमता के बावजूद भारत द्वारा शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम भारत-चीन सीमा विवाद को हल करने के प्रयास असफल सिद्ध हुए है।
- प्रभावी रूप से शासन करने और अपने लोगों को गुणवत्तायुक्त जीवन प्रदान करने की क्षमता के सन्दर्भ में नकारात्मक धारणा के साथ भारत की गैर-आक्रामक छवि सह-अस्तित्व रूप में विद्यमान है।
- सॉफ्ट पावर से संबंधित स्पष्ट बाधाओं को देखते हुए, इसे हार्ड पावर के साथ अनुपूरित करने की तत्काल आवश्यकता है। हार्ड पावर मुख्यतः सैन्य विकल्पों, सुदृढ़ कूटनीति और आर्थिक प्रतिबंधों के प्रयोग पर आधारित होती है।
- हाल के दिनों में, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति के संकटों से निपटने हेतु उपर्युक्त दोनों विधियों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
- भारत ने डोकलाम संकट पर बिना किसी सशस्त्र संघर्ष के अपनी स्थिति को बनाए रखा, जिससे चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए बाध्य होना पड़ा। हाल ही में, भारत द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद सफलतापूर्वक जवाबी कार्रवाई (retaliated) की गई। भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करके कार्यवाही करने के बावजूद भारत ने पाकिस्तान द्वारा अपने कब्जे में लिए गए वायु सेना के पायलट की सुरक्षित और सफलतापूर्वक वापसी भी सुनिश्चित की।